उत्तरकाशी में यमुना नदी का रौद्र रूप…अतिवृष्टि से भारी नुकसान… मध्यमहेश्वर में फंसे कांवड़ यात्री
उत्तराखंड में भारी बारिश आफत बनकर बरस रही है। रुद्रप्रयाग जिले में विगत रात्रि बनतोली संगम पर भारी बरिश के बाद द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर धाम को जोड़ने वाला पुल बह गया है। जिसके बाद आवाजाही ठप हो गई है। मध्यमहेश्वर धाम में कई यात्रियों और कांवड़ियों के फंसने की सूचना है। यमुना नदी के उदगम में अतिवृष्टि के कारण यमुनोत्री धाम में मंदिर परिसर को भारी नुक़सान हुआ है। मंदिर समिति के कार्यालय, रसोई आदि को भी नुकसान उक्त जानकारी देते हुए पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि जनहानि नहीं लेकिन परिसंपित्तयों को नुक्सान पहुंचा है। बताया कि यमुना नदी के मुहाने पर एकत्रित मलबा बोल्डर पत्थरों की वजह से मंदिर परिसर को अधिक नुकसान हुआ है।
जानकीचट्टी क्षेत्र में रात्रि में हुई अतिवृष्टि से तीन खच्चर व एक मोटरसाइकिल भी बह गई। जानकीचट्टी पार्किंग के पास कटाव हुआ और शुभम पैलेस होटल के आगे रोड की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। जानकीचट्टी में बनी पार्किंग तक यमुना का जल स्तर पहुंचा। जिससे वहां हड़कंप मच गया। पार्किंग में पानी घुस जाने से प्रशासन ने निचले स्तर पर माइक के द्वारा अनाउंसमेंट किया गया। भले ही सुबह होने तक जानकीचट्टी में जल स्तर सामान्य हो गया। पार्किंग में अभी पानी घुसना कम हो गया है। लोगों ने राहत की सांस ली है।
यमुनोत्री धाम में यमुना नदी में आए उफान के कारण तटबंध बह गए हैं। यमुना मंदिर को जाने वाला मुख्य रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया है। यमुनोत्री धाम में पुजारी महासभा के यमुना नदी के किनारे के कक्ष क्षतिग्रस्त हुए हैं। स्ट्रीट लाइट क्षतिग्रस्त हुई हैं। मंदिर का जनरेटर भी बहा है। यमुनोत्री हाईवे ओजरी डाबरकोट बंद होने से बड़कोट से सरकारी अमला अभी यमुनोत्री धाम नहीं पहुंच पाया। एसडीएम मुकेश चन्द्र रमोला ने कहा कि जनहानि नहीं हुई है लेकिन नुकसान काफी हुआ है। ओजरी डाबरकोट मार्ग खुलने के साथ ही नुकसान का जायजा लिया जाएगा।