उत्तराखंड: पंचायतों का कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की मांग खारिज… दिसम्बर में चुनाव कराने की है तैयारी
इस साल नवंबर में पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके बाद दिसंबर में 7,795 ग्राम पंचायतों और 400 जिला पंचायत सदस्यों समेत क्षेत्र पंचायत और वार्ड सदस्यों के पदों पर चुनाव कराए जाएंगे। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन से जुड़े पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर मंगलवार को प्रदेश के 89 ब्लॉक कार्यालयों में तालाबंदी कर प्रदर्शन किया। संगठन का कहना है कि मांग पर अमल न होने पर तीन अगस्त को पंचायत प्रतिनिधि मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे। संगठन के प्रदेश संयोजक जगत सिंह मार्तोलिया बताते हैं कि राज्य में 2020-21 में कोविड के दौरान त्रिस्तरीय पंचायतों की बैठकें नहीं हो सकी, जिससे ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हुआ है। उनका कहना है कि पहले भी पंचायतों का कार्यकाल बढ़ा है।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन लंबे समय से पंचायतों का कार्यकाल दो साल बढ़ाने की मांग कर रहा है। इसी बीच सरकार ने हरिद्वार को छोड़ अन्य जिलों में इसी वर्ष त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने का निर्णय लिया है। जिस कारण त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों में काफी आक्रोश है। मंगलवार को प्रदेश संगठन के आह्वान पर लोहाघाट में ग्राम प्रधान संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष सरिता अधिकारी के नेतृत्व में लोहाघाट ब्लॉक के त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने ब्लॉक कर्मियों को बाहर निकाल कर लोहाघाट ब्लॉक कार्यालय पर तालाबंदी कर दी। साथ ही ब्लॉक कार्यालय में धरने में बैठ गए। उन्होंने एक देश एक चुनाव की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
पंचायत प्रतिनिधियों ने खंड विकास अधिकारी लोहाघाट के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी भेजा। इस मौके पर ग्राम प्रधान संगठन उपाध्यक्ष सरिता अधिकारी ने कहा कि दो साल कोविड के चलते ग्राम सभाओं का विकास कार्य ठप पड़ गया था। जिस कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि वे सरकार से हरिद्वार जिले के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में चुनाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार इसका संज्ञान नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर 15 जुलाई से सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अनिश्चितकालीन हड़ताल में चल रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि 3 अगस्त को देहरादून कूच कर मुख्यमंत्री आग्रह यात्रा निकालेंगे।