कांवड़ यात्रा: उत्तराखंड में भी खाने-पीने की दुकानों पर ‘नेमप्लेपट’ लगानी होगी अनिवार्य… जारी किये निर्देश
उत्तराखंड पुलिस ने 22 जुलाई से आरंभ हो रही कांवड़ यात्रा के दौरान होटल, ढाबा और खानपान से जुड़े रेहड़ी-ठेली संचालकों के लिए पहचान प्रदर्शित करने की व्यवस्था लागू कर दी है। इसके अंतर्गत हरिद्वार, ऋषिकेश, नीलकंठ, गंगोत्री व देहरादून में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खानपान से जुड़े सभी व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर नाम व पते का बोर्ड चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस महानिरीक्षक (गढ़वाल परिक्षेत्र) करन सिंह नगन्याल की ओर से गुरुवार को कांवड़-यात्रा के लिए जारी निर्देशों में इस व्यवस्था का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित जनपदों के पुलिस अधिकारियों एवं थानाध्यक्षों को दी गई है। पुलिस महानिरीक्षक ने निर्देश दिया है कि व्यवस्था का अनुपालन नहीं करने वाले होटल, ढाबा व रेहड़ी-ठेली संचालक के विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई की जाए।
यात्रा के दौरान किसी भी तरह का विवाद न हो, इसलिए यह नियम लागू किया गया है। क्योंकि कई बार कांवड़ियों और छोटे बड़े व्यापारियों के बीच विवाद होते हैं, इन सबको रोकने के लिए ही यह कदम उठाया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पहचान छुपाकर कारोबार करना गलत है। कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में होटल-ढाबे, रेहड़ी, फड़ वालों को अपनी पहचान बतानी होगी। इसमें कुछ भी गलत नहीं है, पहचान छुपाकर कारोबार करने के कुछ मामलों में आपराधिक घटनाएं भी सामने आई हैं। हमारी सरकार ने 12 जुलाई को इस बाबत निर्णय ले लिया था।
हरिद्वार जिले की मासिक अपराध समीक्षा बैठक में कांवड़ मेले पर फोकस रहा। एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने दो टूक कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान ड्यूटी में कोताही नहीं होनी चाहिए। बैठक के दौरान ही पिछले महीने बेहतर पुलिसिंग करने वाले 53 पुलिसकर्मियों को मैन ऑफ द मंथ के खिताब से भी नवाजा गया। साथ ही साथ, कांवड़ यात्रा में ड्यूटी देने वाले 60 सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों को भी एसएसपी ने कांवड़ डयूटी को लेकर टिप्स दिए। रोशनाबाद में जिला पुलिस कार्यालय शुक्रवार को मासिक अपराध समीक्षा बैठक के दौरान एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने आपराधिक घटनाओं और लंबित प्रकरणों का खुलासा न होने पर नाराजगी जताई।