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भारत बना टी20 विश्व कप चैंपियन… देश के साथ ही उत्तराखंड में भी जश्न का माहौल… गर्व से हर भारतीय का सीना चौड़ा

टी20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को सात रनों से हराकर भारत दूसरी बार विजेता बन गया। इस जीत के साथ ही भारत ने अपने 17 वर्षों के लंबे इंतजार को खत्म कर लिया। इससे पहले टीम इंडिया साल 2007 में टी20 विश्व कप विजेता बनी थी। त में मैच बदला और टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका अदा की। यूं तो क्रिकेट एक टीम का खेल है जिसमे व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं, बल्कि जीत में पूरी टीम का योगदान होता है। हालांकि, विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में हर टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी होते हैं जो अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित करते हैं।

भारतीय टीम के इस शानदार प्रदर्शन का सबसे बड़ा श्रेय रोहित शर्मा की कप्तानी को जाता है। उनके सभी फैसले कारगर साबित हुए हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ियों का समर्थन करना और उन्हें अगले मैच के लिए प्रोत्साहित करना कप्तान का सबसे सराहनीय कार्य रहा है। दिलचस्प बात यह है कि रोहित की कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी प्रतियोगिताओं का फाइनल खेला है। इनमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2023, वनडे विश्व कप 2023 और टी20 विश्व कप 2024 शामिल है। टी20 विश्व कप के लिए जब भारतीय टीम का चयन हुआ तो इसमे चार स्पिनरों को शामिल किया गया था। इस पर काफी सवाल उठे थे और उस वक्त रोहित ने कहा था कि चार स्पिनरों को लेने का फैसला उनका था और आने वाले समय में समझ में आएगा कि उन्होंने यह मांग क्यों की थी। जिस तरह भारत ने स्पिनरों का उपयोग किया वो यह दर्शाता है कि रोहित का यह निर्णय सही साबित हुआ।

भारत के आईसीसी टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन का काफी श्रेय मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को भी जाता है। द्रविड़ के नेतृत्व में टीम 2022 टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंची थी, जबकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल तथा वनडे विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचने में सफल रही थी। भले ही भारत चैंपियन नहीं बन सका था, लेकिन द्रविड़ के अगुआई में जिस तरह टीम लगातार नॉकआउट में पहुंची उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 2022 टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद द्रविड़ ने रुख भी बदला। द्रविड़ का कोच के रूप में यह आखिरी मुकाबला था।

भारत ने जैसे ही टी-20 वर्ल्ड कप जीता राजधानी देहरादून में घंटाघर, कोटद्वार में झंडा चौक, रुड़की, हरिद्वार और कुमाऊं में भी शनिवार रात का नजारा देखने लायक था। भारत के विश्वकप जीतते ही आसमान रंग-बिरंगी आतिशबाजी से जगमगा उठा। भारतीय टीम ने देशवासियों को खुशी और गर्व से भर दिया तो लोगों ने जमकर जश्न मनाया। चारों तरफ पटाखों की आवाज आ रही थी और घंटाघर में युवाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। हर किसी के चेहरे पर चमक और खुशी थी। पहाड़ से मैदान तक सभी प्रमुख इलाकों में शनिवार रात 11.30 बजे काफी भीड़ थी। कोई मोबाइल में लगा था, तो कोई दुकानों पर टीवी देख रहा था। टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के आखिरी ओवर में जैसे ही सूर्य कुमार यादव ने कैच लपका, लोग चिल्ला उठे। लोगों ने कहा- सूर्या ने हाथ से फिसलता वर्ल्ड कप लपक लिया है।

इसके बाद आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद के बाद तो हर तरफ जीत का जश्न शुरू हो गया। आसमान में आतिशबाजी तो जुबां से भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगते रहे। देखते ही देखते चारों ओर उत्सव का माहौल हो गया। लोग सड़कों पर उतर आए, हर तरफ गाड़ियों के हॉर्न बजने लगे और लोग गाड़ियों पर तिरंगे लहराने लगे। हर किसी की जुबान पर बस एक ही बात थी- जय हो। और ऐसी खुशी हो भी क्यों न, 17 साल बाद भारतीय टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप जो अपने नाम किया है। उधर, भारत की जीत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बधाई दी है।

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