रुद्रप्रयाग के गांवों में गैर-हिंदुओं और रोहिंग्याओं के प्रवेश पर लगे बोर्डों को प्रशासन ने हटवाया
रुद्रप्रयाग जिले के न्यालसू, रविग्राम और शेरसी सहित कई ग्रामसभाओं में गैर-हिंदुओं और रोहिंग्याओं के प्रवेश पर रोक लगाने वाले बोर्ड वायरल होते ही प्रशासन ने हटवा दिए हैं। इन दोनों ग्रामसभाओं के बाहर बोर्ड लगाया गया था, जिसमें लिखा था- गैर हिंदुओं/ रोहिंग्या मुसलमानों व फेरी वालों का गांव में व्यापार करना व फेरी लगाना वर्जित है। अगर गांव में कहीं भी मिलते हैं, तो दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गांव के लोगों का कहना है कि संदिग्ध बाहरी लोग, जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं होता, गांव में घूमते हैं और अक्सर खराब मोबाइल की मरम्मत या कपड़े व वर्तन बेचने का दावा करते हैं। गांव के निवासियों को ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना पुलिस को देने की हिदायत दी गई है। पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने स्पष्ट किया कि किसी भी जाति या धर्म के व्यक्ति को व्यापार करने से नहीं रोका जा सकता है और यह कदम सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
रुद्रप्रयाग के पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सामाजिक समरसता में व्यवधान डालने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही पुलिस के संज्ञान में यह बात आई, हमने आवश्यक कार्रवाई करते हुए ऐसे ‘साइन बोर्ड’ हटवाए। अगर आगे भी ऐसी कोई बात सामने आई, तो हम कार्रवाई करेंगे। धार्मिक आधार वाले ‘साइन बोर्ड’ लगाने की इजाजत किसी को नहीं है।’’ पिछले दिनों चमोली जिले के नंदानगर में एक नाबालिग लड़की को नाई का काम करने वाले दूसरे समुदाय के युवक द्वारा कथित तौर पर ‘अश्लील इशारे’ किए जाने के बाद क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था। आक्रोशित लोगों ने उक्त समुदाय के लोगों की दुकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया था।
इस बारे में गांव के अशोक सेमवाल का कहना है कि केदारघाटी सहित जनपद के कई गांवों में बाहरी और संदिग्ध लोग पहुंच रहे हैं, जो खराब मोबाइल की मरम्मत करने सहित कपड़े व वर्तन बेचने की बात करते हैं। इनसे बात करो, तो इनके पास पहचान से जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं होता हैं। ऐसे में कभी भी किसी के साथ कोई अनहोनी हो सकती है। गांव के सभी लोगों को यह कहा गया कि अगर उन्हें कोई संदिग्ध दिखता है, तो उसके बारे में 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दें। गांव के प्रवेश द्वार पर जो बोर्ड लगाया गया है वह किसी धर्म विशेष को लेकर नहीं बल्कि बिना सत्यापन वाले बाहरी लोगों व फेरी वालों के लिए है।