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लोकसभा अध्यक्ष तो समझ गए मगर उत्तराखंड के मंत्री अजय टम्टा बता नहीं पाए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का नियम

लोकसभा में बजट सत्र के दौरान एक अलग ही नजारा देखने को मिला। दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टाम्टा लोकसभा में सांसदों के सवालों का जवाब दे रहे थे। प्रश्नोत्तर काल के दौरान एक सांसद ने अपने सवाल पर आए जवाब को लेकर मंत्री को घेर लिया। उन्होंने सवाल किया कि किसी भी सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) घोषित करने के नियम क्या हैं? सवाल मंत्री को समझ में नहीं आया। उन्हें विभागीय स्तर पर सांसद की ओर से पूछे गए सवाल का जो जवाब दिया गया था, वह उसे ही पढ़ने लगे। इसके बाद स्पीकर ने मंत्री को जवाब पढ़ने से रोका। उन्हें सवाल समझाने की कोशिश की। मंत्री सवाल जब समझ नहीं पाए तो मंत्री को रोककर बैठा दिया। अब सोशल मीडिया पर यह मामला खासा वायरल हो रहा है।

क्या है पूरा मामला?

राजस्थान के करौली-धौलपुर से कांग्रेस सांसद भजन लाल जाटव ने मंत्री अजय टाम्टा से सवाल किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के आपके मापदंड क्या हैं? उन्होंने कहा कि हमारे संसदीय क्षेत्र के अंदर तीन-तीन तीर्थस्थल हैं। मुंबई एक्सप्रेसवे से देखें तो पिनान, फिर पिनान से महुआ, महुआ से करौली और करौली से कैलादेवी तक की सड़क को आप राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का विचार कर रहे हैं? इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने चुटकी ली, आप तो पीडब्लूडी मंत्री रहे हो, आपको तो पता होगा कि कैसे एनएच घोषित होता है। इस पर सांसद भजन लाल जाटव ने कहा कि वही तो हम जानना चाहते हैं कि मानदंड क्या है?

अजय टाम्टा जब जवाब देने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि लोकसभा सदस्य ने महाराष्ट्र से संबंधित सवाल पूछा है। इस पर विपक्ष की ओर से कहा गया कि महाराष्ट्र नहीं राजस्थान। लोकसभा अध्यक्ष की ओर से भी मंत्री को इस संबंध में बताया गया। ओम बिड़ला ने संसद सदस्य के सवाल को एक बार फिर दोहराया। इस पर मंत्री एक बार फिर राजस्थान के बारे में विभाग की तरफ से किए जाने वाले कार्य की जानकारी देनी चाही। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि वे राजस्थान के बारे में जानकारी नहीं चाहते हैं। वे एनएच घोषित किए जाने वाले मापदंड को जानना चाहते हैं। इसके बाद मंत्री ने 2014 से पहले और बाद के समय में एनएच की जानकारी देने लगे। उन्होंने कहा कि 2014 तक 91,281 किलोमीटर एनएच थे। पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यभार ग्रहण करने के बाद 1,41,136 किलोमीटर एनएच का निर्माण किया गया है। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें बैठने का इशारा किया।

सोशल मीडिया पर चर्चा काफी तेज हो गई है। संसद की कार्यवाही का वीडियो सामने आते ही यूजर्स ने इसको लेकर सवाल शुरू कर दिया है। यूजर्स का कहना है कि मंत्री को ही जब पता नहीं है तो फिर जवाब कैसे मिल सकता है। यूपी में जवाब दिए जाने का मामला खूब गरमाया है। एक यूजर ने लिखा कि स्पीकर जब विपक्ष कुछ बोलता है तो फिर वे रोकते हैं। उन पर तंज कसते हैं। मंत्री के खिलाफ उनका ऐसा रवैया ठीक नहीं है।

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