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महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद विश्वराज सिंह का चित्तौड़गढ़ किले में राजतिलक, मेवाड़ की शासक परंपरा का निर्वहन

उदयपुर: उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह का सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले में पगड़ी दस्तूर किया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें मेवाड़ की शासक परंपरा के तहत राजगद्दी पर बैठाया जाएगा, और तलवार की धार से अंगूठा काटकर उनका राजतिलक किया जाएगा। यह समारोह चित्तौड़ दुर्ग के फतेह प्रकाश महल में होगा, जहां सलूंबर ठिकानेदार इस प्राचीन परंपरा का निर्वहन करेंगे।

राजतिलक के बाद, विश्वराज सिंह मेवाड़ के लोगां से मिलेंगे और फिर वे प्रयागगिरी महाराज की धूणी पर दर्शन करने जाएंगे। इसके बाद वे मेवाड़ के कुलदेवता एकलिंगजी महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे। मेवाड़ की शासक परंपरा के अनुसार, शासक खुद को एकलिंगनाथ जी का दीवान मानते हैं, और विश्वराज सिंह इस परंपरा को निभाते हुए एकलिंगजी महादेव मंदिर में दर्शन करेंगे।

उदयपुर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर
वहीं, इस कार्यक्रम को लेकर परिवार में विवाद भी उभर कर सामने आया है। उदयपुर के अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह ने इसे गैरकानूनी करार दिया है। उनका कहना है कि मेवाड़ राजघराना एक ट्रस्ट के तहत चलता है, जिसका संचालन उनके पिता ने उन्हें सौंपा था। ऐसे में वे और उनके बेटे ही राजगद्दी के वास्तविक उत्तराधिकारी हैं। इस विवाद के चलते उदयपुर पुलिस प्रशासन को अलर्ट मोड में रखा गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

महेंद्र सिंह मेवाड़ का योगदान और इतिहास
महेंद्र सिंह मेवाड़, जो 16वीं शताब्दी के राजपूत राजा महाराणा प्रताप के वंशज थे, का पिछले हफ्ते 83 साल की उम्र में निधन हो गया था। महेंद्र सिंह मेवाड़ ने 1989 में भाजपा के टिकट पर चित्तौड़गढ़ से लोकसभा चुनाव जीते थे। वे मेवाड़ के इतिहास और परंपराओं के संरक्षक थे।

महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे, विश्वराज सिंह मेवाड़ वर्तमान में राजसमंद जिले की नाथद्वारा सीट से भाजपा विधायक हैं, जबकि उनकी बहू महिमा कुमारी राजसमंद से भाजपा सांसद हैं।

यह समारोह मेवाड़ की शासक परंपरा को जीवित रखने और परिवार के उत्तराधिकार को लेकर महत्वपूर्ण है, और आने वाले दिनों में इस पर और भी चर्चाएं हो सकती हैं।

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