चमोली: गोबर के ढेर में नवजात का शव, विधवा गिरफ्तार; 10 साल पहले हो चुकी है पति की मौत
उत्तराखंड के चमोली ज़िले के नंदानगर थाना क्षेत्र के एक गांव में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। गांव की एक विधवा महिला पर नवजात भ्रूण को गोबर के ढेर में छिपाने का आरोप लगा है। यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि सामाजिक चेतना पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
घटना की जानकारी थानाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने दी। उन्होंने बताया कि ग्राम पहरी से सूचना मिली थी कि गांव की गोशाला के पास गोबर के ढेर में किसी नवजात का भ्रूण दबा हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और तलाशी के दौरान गोबर के ढेर से एक नवजात भ्रूण बरामद हुआ।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान गांव की महिलाओं ने अहम सुराग दिए। उन्होंने बताया कि एक स्थानीय विधवा महिला का पेट बीते कुछ समय से फूला हुआ था, लेकिन हाल ही में उसका पेट सामान्य हो गया, जिससे लोगों को शक हुआ। पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ में महिला ने स्वीकार किया कि उसने ही भ्रूण को छिपाया था।
बताया जा रहा है कि आरोपी महिला के तीन बच्चे हैं और उसके पति की मौत लगभग 10 साल पहले करंट लगने से हो गई थी। प्रारंभिक जांच के अनुसार, महिला ने अवैध गर्भपात करवाया और भ्रूण को गोबर के ढेर में दबा दिया। पुलिस ने महिला पर गर्भपात कराने, भ्रूण को नष्ट करने और शव को छुपाने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
इस पूरी घटना का खुलासा गांव की महिला मंगल दल की सजगता से हुआ, जिन्होंने संदेह होने पर पुलिस को तुरंत सूचना दी। पुलिस अब महिला से नवजात के संभावित पिता की पहचान के लिए पूछताछ कर रही है।
यह हृदयविदारक घटना समाज में महिलाओं की स्थिति, असहायता और छिपे मानसिक दबाव की तरफ इशारा करती है। जरूरत है कि ऐसे मामलों में केवल कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक और मानसिक सहायता की पहल भी की जाए, ताकि कोई महिला ऐसी भयावह स्थिति में खुद को अकेला न पाए।