पहलगाम हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित
पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अस्थियां शुक्रवार को हरिद्वार की पवित्र धरा पर वैदिक मंत्रों के बीच गंगा में विसर्जित की गईं। हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर हुए इस भावुक क्षण में परिवार समेत मौजूद हर आंख नम थी।
26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय के पिता राजेश नरवाल जब बेटे की अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर रहे थे, तब उनका दुख फूट पड़ा। वे फफक-फफककर रोने लगे। वहां मौजूद तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों ने उन्हें ढांढस बंधाया, पर माहौल बेहद मार्मिक हो गया।
इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु, तीर्थ पुरोहित और गणमान्य लोग उपस्थित रहे। तीर्थ पुरोहित पंडित सूरज शर्मा ने पारंपरिक विधियों से अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया संपन्न करवाई। उन्होंने बताया कि विनय का पूरा परिवार इस अनुष्ठान के लिए करनाल से हरिद्वार पहुंचा था और कर्मकांड ‘पंचभैया पंडित टेकचंद’ की परंपरागत गद्दी पर सम्पन्न हुआ।
मीडिया से बातचीत में शहीद के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन देशवासियों और सरकार ने जिस तरह से हमारे दुख की घड़ी में साथ दिया, उसके लिए मैं आभारी हूं। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि ऐसे कायराना हमलों पर कठोरतम कार्रवाई हो ताकि कोई और पिता ऐसा दुख न सहे।”
हरियाणा के करनाल निवासी विनय नरवाल का हाल ही में विवाह हुआ था। विवाह के बाद वह अपनी पत्नी के साथ कश्मीर घूमने गए थे, जहां 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में वे शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि आतंकियों की गोलियां उनकी छाती, गले और बांह में लगीं, जिससे मौके पर ही उनका निधन हो गया।
गुरुवार को करनाल में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ, जिसके बाद शुक्रवार को अस्थियां हरिद्वार लाई गईं। नगर विधायक मदन कौशिक, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर डॉ. सरिता पंवार, उज्ज्वल पंडित और विकास तिवारी सहित अनेक लोगों ने गंगा किनारे पुष्प अर्पित कर वीर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने महज दो साल पहले भारतीय नौसेना में सेवा शुरू की थी और वर्तमान में कोच्चि में तैनात थे। उनके सपनों की उड़ान शुरू ही हुई थी, लेकिन देश के लिए बलिदान देकर वे अमर हो गए।