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दिलचस्प होता जा रहा केदारनाथ उपचुनाव: भाजपा, कांग्रेस या फिर त्रिभुवन चौहान, कौन मारेगा बाजी?

केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार त्रिभुवन चौहान के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। भाजपा ने इस उपचुनाव में आशा नौटियाल को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने मनोज रावत को अपनी ओर से चुनौती पेश करने के लिए टिकट दिया है। दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत के लिए जोरदार प्रचार अभियान चला रही हैं, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार त्रिभुवन चौहान ने इस चुनावी रण में अपनी ताकत साबित करते हुए भाजपा और कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी है।

त्रिभुवन चौहान का नाम केदारनाथ में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वह पिछले कुछ सालों से क्षेत्र के लोगों से सीधे जुड़ाव रखने वाले नेता के तौर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। स्थानीय मुद्दों पर उनकी सक्रियता और लोगों के बीच उनकी गहरी पैठ ने उन्हें एक मजबूत विकल्प बना दिया है। इसके अलावा, उनका निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ा होना भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बन गया है।

भा.ज.पा. और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रचार के जरिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अपनी उपलब्धियों का जिक्र किया है, लेकिन त्रिभुवन चौहान स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। वह विकास, रोजगार और स्थानीय समस्याओं को मुख्य मुद्दा बनाकर लोगों के बीच अपनी छवि बना रहे हैं।

अब देखना यह होगा कि इस मुकाबले में आखिर कौन बाजी मारेगा। क्या भाजपा और कांग्रेस अपनी ताकत से चुनाव जीत पाएंगे या फिर त्रिभुवन चौहान की कड़ी चुनौती उनके लिए हार का कारण बनेगी? चुनावी परिणाम के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि केदारनाथ की राजनीति किस दिशा में जाएगी।

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