IPL फाइनल में 11 करोड़ लोग खेलेंगे फैंटेसी गेम: कुल 32 खिलाडियों से 1221 करोड़ यूनिक टीमें बन सकती हैं
आज IPL 2025 का फाइनल है, मैदान पर तो सिर्फ 22 खिलाड़ी होंगे, लेकिन मोबाइल पर लाखों लोग Dream 11 और MPL जैसे फैंटेसी गेमिंग एप्स के जरिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वे 49 रुपये देकर अपनी टीम बनाते हैं और सोचते हैं कि करोड़पति बन जाएंगे। लेकिन क्या वाकई 49 रुपये लगाकर करोड़ों रुपये जीतना मुमकिन है?
असल में, एक बेस्ट टीम बनाने के लिए 32 खिलाड़ियों में से 11 खिलाड़ियों को चुनना पड़ता है। इस पर कप्तान और उपकप्तान भी तय करना होता है। गणित के हिसाब से इनसे लगभग 1221 करोड़ यूनिक टीमें बन सकती हैं। यानी जीतने का मौका सिर्फ 0.000008% है, यानी नाममात्र ही।
Dream 11 जैसे एप्स पर एक यूजर अधिकतम 20 टीमें ही बना सकता है, जिससे जीतने के चांस और भी कम हो जाते हैं। फिर भी लोग करोड़पति बनने के ख्वाब में रोजाना करोड़ों रुपये झोंक देते हैं।
क्यों झोंक रहे हैं लोग इतने पैसे?
कारण साफ है—फैंटेसी गेम्स की कंपनियां चंद विजेताओं को ही दिखा-दिखाकर उनका वीडियो शूट करती हैं और लोगों को फुसलाती हैं। जैसे हरदोई (यूपी) के राजकुमार, जिन्होंने IPL के दौरान 3 करोड़ रुपये जीते थे, उनका वीडियो बनाकर Dream 11 ने प्रचार किया। नतीजा ये हुआ कि इलाके के हजारों लोग एप पर पैसा लगाने लगे।
किसको फायदा?
मान लीजिए एक कॉन्टेस्ट में 10 लोगों ने 50-50 रुपये लगाए। टोटल हुए 500 रुपये। इनमें से सरकार 28% GST यानी 140 रुपये काट लेती है। फिर गेमिंग कंपनी 20% कमीशन यानी 72 रुपये निकाल लेती है। इसके बाद बचते हैं 288 रुपये, जिसमें से 30% TDS यानी 86.4 रुपये और कट जाते हैं। अब यूजर को सिर्फ 201.6 रुपये मिलते हैं। ध्यान रहे, इसमें उसने पहले ही 50 रुपये लगाए थे। यानी असल में उसे 151 रुपये की जीत होती है।
मतलब सरकार और कंपनी सबसे ज्यादा फायदा कमाते हैं, जबकि यूजर के हिस्से में बस धोखा और घाटा आता है।
खतरनाक लत और बर्बादी का खेल
NIMHANS के डॉ. मनोज कुमार शर्मा बताते हैं कि लोग शुरुआती जीत के लालच में फंसते जाते हैं और गेमिंग की लत लग जाती है। जैसे 16 साल का प्रतीक, जिसने अपने मजदूर पिता की ID से रोजाना मैचों में पैसे लगाने शुरू कर दिए और अब हर दिन 300-400 रुपये हार जाता है।
बिहार में इसी साल एक शख्स ने 2 करोड़ रुपये हारकर जान दे दी। सुल्तानपुर (यूपी) के किसान सूर्य प्रताप ने तो गेमिंग एप्स पर 19,500 बार दांव लगाया और एक ही दिन में 1.5 लाख रुपये गवां दिए। बावजूद इसके वो रुक नहीं पाते क्योंकि उन्हें लगता है कि अगली बार किस्मत बदल जाएगी।
निष्कर्ष
IPL का फाइनल आज जरूर है, लेकिन असली खेल मैदान पर नहीं, मोबाइल पर हो रहा है—जहां हर कोई करोड़पति बनने का सपना देख रहा है और असल में करोड़ों रुपये सरकार और कंपनियां कमा रही हैं।