अंकिता भंडारी मर्डर केस में आज फैसला:पिता वीरेंद्र भंडारी बोले-मौत के बदले मौत की सजा मिलनी चाहिए
उत्तराखंड की चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब अदालत का फैसला सुनने का वक्त आ गया है। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत इस संवेदनशील मामले में 30 मई को फैसला सुनाएगी। 19 साल की अंकिता की 2022 में हत्या के बाद से पूरे प्रदेश और देश की निगाहें इस केस पर टिकी हैं।
अदालत में सुनवाई सुबह 10:30 बजे से शुरू होगी। सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट के 200 मीटर के दायरे को पुलिस ने सील कर दिया है, जहां सिर्फ वकील, केस से जुड़े पक्ष और जरूरी स्टाफ को ही आने-जाने की इजाजत होगी। एसएसपी पौड़ी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात रहेगा।
विवादित वंतारा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपी—पुलकित, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता—फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। अंकिता 18 सितंबर 2022 को रहस्यमय तरीके से लापता हुई थी और बाद में उसका शव एक नहर से बरामद हुआ, जिससे प्रदेश भर में आक्रोश फैल गया।
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई, जिसने 500 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की और 97 गवाहों को नामित किया, जिनमें से 47 को अदालत में पेश किया गया।
पुलकित आर्य पर हत्या (IPC 302), साक्ष्य मिटाने (IPC 201), छेड़छाड़ (IPC 354A) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए हैं। वहीं अन्य दोनों आरोपियों पर हत्या और अनैतिक कार्यों में सहयोग का आरोप है।
अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने दोषियों को फांसी देने की अपील की और सरकार पर आरोप लगाया कि उसने वादा तो किया था कि श्रीकोट नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर रखा जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने एक VIP का नाम लेते हुए कहा कि उसे राजनीतिक संरक्षण मिला, जिससे जांच प्रभावित हुई।
इस घटना ने न सिर्फ उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा, सत्ता संरक्षण और न्याय की पारदर्शिता पर भी बहस छेड़ दी है। अब सभी की निगाहें शुक्रवार को अदालत के फैसले पर टिकी हैं।