उत्तराखंड का 25वें वर्ष में प्रवेश: जानें इसका इतिहास, महत्व, एवं इससे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट
‘देवभूमि’ के नाम से लोकप्रिय उत्तराखंड 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर भारत का 27वां स्वतंत्र राज्य घोषित किया गया. इसकी स्थापना के समय इसका नाम ‘उत्तरांचल’ रखा गया था, लेकिन 2007 में इसका नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया. चार प्रमुख तीर्थ स्थलों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कारण इसे ‘देवताओं की भूमि’ यानी ‘देव भूमि’ का नाम मिला. मंदिरों के अलावा उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों ग्लेशियर, नदियां, घने जंगल, बर्फ से ढकी चोटियां भी उत्तराखंड को विशिष्ठ और दर्शनीय स्थल के रूप में रेखांकित करती है.
उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को हुआ था. आजादी के पश्चात तमाम आंदोलनों के बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला. 25वें साल में कदम बढ़ाने जा रहे उत्तराखंड के लिए राज्य स्थापना दिवस को रजतोत्सव खास होने वाला है. राज्य स्थापना दिवस से संबंधित कार्यक्रमों की शुरुआत 6 नवंबर को दिल्ली स्थित उत्तराखंड निवास के लोकार्पण से हुई. ऐसे में उत्तराखंड सरकार, राज्य गठन के बाद से प्रदेश में किए गए तमाम विकास कार्यों और खासकर मुख्यमंत्री धामी के इन साढ़े तीन सालों में किए गए कामों को जन-जन तक पहुंचा रही है. इसमें वो काम और फैसले सबसे ज्यादा खास हैं जिसने देश-दुनिया का ध्यान उत्तराखंड की ओर आकर्षित किया है. साथ ही जो आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं.
राज्य स्थापना दिवस के इस उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वीडियो संदेश के माध्यम से शामिल होंगे। देहरादून और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की भराड़ीसैंण विधानसभा भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री के वीडियो संदेश प्रसारित होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे। देहरादून के रिजर्व पुलिस लाइन्स में रैतिक परेड होगी, जिसमें राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) सलामी लेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली हस्तियों को उत्तराखंड गौरव सम्मान से सम्मानित करेंगे। सूचना विभाग की विकास पुस्तिका एवं पुलिस पत्रिका का भी विमोचन होगा।
उत्तराखंड के कुछ रोचक फैक्ट
उत्तराखंड भारत के खूबसूरत राज्यों में एक है, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक महत्व, प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. आइये जानें इससे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट…
उत्तराखंड ‘देवभूमि’ के नाम से लोकप्रिय है, क्योंकि यहां 51 शक्तिपीठों और प्रमुख तीर्थ स्थल बद्रीनाथ, केदारनाथ, राम भद्रेश्वर, और हरिद्वार इत्यादि हैं.
उत्तराखंड के एक जिले नैनीताल में एक ऐतिहासिक झील है, जिसकी खोज साल 1841 में अंग्रेजों ने किया था. यह झील और आसपास की पहाड़ियां, भारतीय पर्यटन उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
उत्तराखंड स्थित नंदा देवी पर्वत राज्य का सबसे ऊंचा (7,816 मीटर) पर्वत है, साथ ही हिमालय (भारत) का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत भी है.
अल्मोड़ा किला, जिसे साल 1560 में कुमाऊं के राजा ने बनवाया था. शहर के प्रमुख आकर्षणों में एक है.
उत्तराखंड के दो प्रमुख क्षेत्रीय भाषाएं हैं, कुमाऊनी और गढ़वाली. इन भाषाओं की अपनी अलग-अलग सांस्कृतिक पहचान है.
उत्तराखंड की पहाड़ियों में कुछ प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूट्स जैसे नंदनवन ट्रैक, रोबिला पास, और बर्फीली झील पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है.
उत्तराखंड स्थित एक जिला ऋषिकेश, जिसे ‘योग की राजधानी’ भी कहा जाता है, दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है.
उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं.