केदारनाथ हादसे में लापरवाही का आरोप, आर्यन हेली के अधिकारियों पर केस दर्ज
रविवार सुबह केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरते समय आर्यन हेली एविएशन का एक हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के जंगल क्षेत्र में क्रैश हो गया, जिसमें पायलट समेत सभी सात यात्रियों की मौत हो गई। हादसा गौरीमाई खर्क में कोहरे और कम दृश्यता के चलते हुआ।
प्रशासन का आरोप है कि आर्यन हेली ने डीजीसीए और यूकाडा के तय फ्लाइंग स्लॉट का उल्लंघन किया। उन्हें सुबह 6 से 7 बजे का स्लॉट मिला था, लेकिन उड़ान 5:11 बजे ही शुरू कर दी गई। हादसे के समय हेलिकॉप्टर केदारनाथ से 5:21 पर उड़ा और 5:24 पर क्रैश हो गया।
फाटा के राजस्व उप निरीक्षक की तहरीर पर कंपनी के दो वरिष्ठ अधिकारियों—बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक—पर सोनप्रयाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने एसओपी का पालन नहीं किया और लापरवाही से जानलेवा हादसा हुआ।
हेलिकॉप्टर में सवार सात लोगों में पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान और छह यात्री शामिल थे, जिनमें महाराष्ट्र और यूपी के लोग शामिल थे। हादसे की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य टीमें मौके पर पहुंचीं और सभी शव बरामद किए गए।
आर्यन हेली एविएशन ने हादसे में मारे गए सभी यात्रियों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही, कंपनी ने हादसे की जांच में पूरा सहयोग देने की बात भी कही है।
डीजीसीए ने हादसे के बाद केदारनाथ हेली सेवा को दो दिन के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।